विवादों के बाद सिनेमाघरों में रिलीज हुई 'फुले', जनता के नजरिए से फिल्म पास या फेल!
Phule Movie X Review ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले पर आधारित फिल्म फुले आखिरकार लंबे इंतजार के बाद सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म की रिलीज से पहले काफी विवाद हुआ था और यहां तक कि इसकी रिलीज डेट भी टाल दी गई थी। अब रिलीज के बाद फिल्म जनता को कैसी लगी है इसका फैसला हो गया है।

Phule X Review: अनंत महादेवन के निर्देशन में बनी फिल्म फुले आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। प्रतीक गांधी और पत्रलेखा मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। मूवी की कहानी ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले की जिंदगी पर आधारित है। रिलीज से पहले फिल्म को लेकर खूब विवाद हुआ था।
जब फुले का ट्रेलर रिलीज हुआ था, तब इसको लेकर विवाद पनप गया था। ब्राह्मण समुदाय ने फिल्म के कुछ सीन्स पर आपत्ति जताई थी जिसके बाद सेंसर बोर्ड ने फिल्म की रिलीज डेट (18 अप्रैल) को टाल दी थी और फिर चेंजेस करने के बाद इसे आज यानी 25 अप्रैल को बड़े पर रिलीज किया गया।
अब बड़े पर्दे पर फिल्म ने दस्तक दे दी है तो लोग इसको लेकर अपना रिएक्शन दे रहे हैं। जानिए लोग फुले मूवी को पसंद कर रहे हैं या नहीं?
फुले देखना है जरूरी!
एक यूजर ने एक्स हैंडल पर फुले पर अपना रिएक्शन दिया है। यूजर ने लिखा, "सिनेमा और समाज की आत्मा जिंदा रखने के लिए फुले जैसी फिल्में जरूरी। प्रतीक, पत्रलेखा का नेशनल अवॉर्ड विनिंग परफॉर्मेंस।" एक यूजर ने कहा कि प्रतीक गांधी ने बायोपिक में अपने करियर का सबसे बढ़िया प्रदर्शन दिया है।
प्रतीक और पत्रलेखा ने दिखाया दमएक ने कहा, "अभी प्रतीक गांधी, पत्रलेखा और अनंत महादेवन की फिल्म फुले देखा। यह रोमांचक और मनोरंजक थी। दो बेहतरीन कलाकार बहुत ही आकर्षक थे और उन्होंने हमें एक बहुत ही जरूरी कहानी सुनाई- सावित्रीबाई और महात्मा ज्योतिबा फुले की जिंदगी के बारे में। एक जरूरी लेकिन बनाने में मुश्किल कहानी। इसे सिनेमाघरों में देखें।"
बैंगलोर में फुले को मिले सिर्फ एक शो
फुले मूवी की कहानीफुले मूवी की कहानी ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले की जिंदगी पर आधारित है। दोनों समाज सुधारक थे जिन्होंने महिलाओं को शिक्षित करने का प्राण लिया। उन्होंने समाज के खिलाफ महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी।
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